**गणेश चतुर्थी** एक प्रमुख हिंदू त्योहार है

भगवान गणेश, जिन्हें गजानन, विघ्नहर्ता, लंबोदर और विनायक जैसे नामों से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में सबसे लोकप्रिय और पूजनीय देवताओं में से एक हैं। उन्हें समस्त विघ्नों का नाशक, बुद्धि, ज्ञान और समृद्धि के देवता माना जाता है। गणेश जी का सिर हाथी का है और उनका वाहन मूषक (चूहा) है। 


गणेश जी की पूजा किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में की जाती है, क्योंकि उन्हें शुभारंभ के देवता माना जाता है। उनकी उपासना से सभी कार्य बिना किसी विघ्न या बाधा के सफल होते हैं। उनकी पूजा विशेष रूप से गणेश चतुर्थी पर की जाती है, जब भक्त उनकी मूर्ति की स्थापना कर विशेष आराधना करते हैं। 


गणेश जी की कथाएँ और उनका महत्व भारतीय संस्कृति और पौराणिक कथाओं में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उनके जन्म की कई कथाएँ हैं, जिनमें से एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, उन्हें माता पार्वती ने अपने उबटन से बनाया था और शिवजी द्वारा उनका सिर काटे जाने के बाद उन्हें हाथी का सिर लगाया गया था।

**गणेश चतुर्थी** एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इसे विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा-अर्चना और आराधना के लिए मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अगस्त या सितंबर के महीने में पड़ती है। 


**गणेश चतुर्थी का महत्व:**

1. **भगवान गणेश का जन्म**: इस दिन को भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। गणेश जी को बुद्धि, समृद्धि, और सौभाग्य के देवता माना जाता है, और उनकी पूजा किसी भी कार्य की शुरुआत में की जाती है।

   

2. **विघ्नों का नाशक**: गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है, यानी वे सभी विघ्नों को दूर करने वाले देवता हैं। इस दिन उनकी पूजा करके भक्त उनसे अपने जीवन की सभी समस्याओं और बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना करते हैं।


3. **समाज में एकता का प्रतीक**: गणेश चतुर्थी का त्योहार लोगों को एकजुट करता है। यह सामुदायिक पूजा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, और विभिन्न धार्मिक गतिविधियों के माध्यम से समाज में भाईचारे और एकता का संदेश देता है।


**गणेश चतुर्थी की पूजा विधि:**

1. भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्ति की स्थापना की जाती है।

2. मूर्ति को फूल, माला, धूप, दीप और विभिन्न प्रसादों से सजाया जाता है।

3. भक्त गणेश जी की आरती करते हैं और उनके 108 नामों का जाप करते हैं।

4. त्योहार का समापन विसर्जन के साथ होता है, जहां गणेश जी की मूर्ति को पानी में विसर्जित किया जाता है, जो जीवन में भगवान की उपस्थिति और फिर प्रकृति में उनकी वापसी का प्रतीक है।


गणेश चतुर्थी का पर्व महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और अन्य राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, और इसकी उत्सवधर्मिता हर साल लोगों को आनंदित करती है।

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